आर्थिकी: दुनिया की कौशल राजधानी बनने की राह पर भारत… अगले पांच साल में 17 करोड़ नई नौकरियों के अवसर
भारत की हाई-स्किल्ड नई पीढ़ी देश के तेज विकास और विदेशी मुद्रा की बड़ी कमाई करने वाली नई आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रही है। यह पीढ़ी, जहां अपनी कौशल प्रतिभा से देश के उद्योग-कारोबार को संवार रही है, वहीं सेवा निर्यात से देश के लिए विदेशी मुद्रा की कमाई कर रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमारे प्रोफेशनल दुनिया की बड़ी कंपनियों के जरिये ग्लोबल ग्लोब में अपना अभूतपूर्व योगदान दे रहे हैं और प्रवासी भारतीय दुनिया के अन्य प्रवासियों की तुलना में सबसे अधिक रेमिटेंस (धन) भारत भेज रहे हैं।
वर्ष 2024 में प्रवासी भारतीयों द्वारा 129 अरब डॉलर का रेमिटेंस भारत भेजा गया है। हमारे हाई-स्किल्ड युवाओं की मांग दुनिया भर में बढ़ रही है। भारत ने हाल के वर्षों में करीब दो दर्जन देशों के साथ आव्रजन और रोजगार से जुड़े समझौते किए हैं। इनमें खाड़ी देशों के अलावा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, मॉरिशस, यूके और इटली जैसे देश शामिल हैं। हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष और मुख्य कार्याधिकारी सत्या नडेला ने कहा कि नए डिजिटल दौर में भारत हाई-स्किल्ड सेवाओं को तेजी से आगे बढ़ा सकता है। भारत के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में बड़ी संभावनाएं हैं। गणित के क्षेत्र में भारत के पास बहुत प्रतिभाएं हैं। एआई के कारण नौकरियां जाने के खतरे के डर पर नडेला ने कहा, ‘वर्ष 2000 में 40 लाख कॉल सेंटर कर्मचारी थे, लेकिन अब इन कर्मचारियों की तादाद चौगुनी होकर 1.7 करोड़ हो गई है।’
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की नवीनतम रिपोर्ट ‘भविष्य की नौकरियों’ में कहा है कि वैश्विक स्तर पर वर्ष 2030 तक 17 करोड़ नई हाई-स्किल्ड नौकरियां पैदा होंगी। तकनीकी उन्नति, जनसांख्यिकीय बदलाव, भू-आर्थिक तनाव और आर्थिक दबाव आदि परिवर्तनों के कारण नई हाई-स्किल्ड नौकरियों को रफ्तार मिलेगी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां भारत में नियोक्ताओं का मानना है कि सेमीकंडक्टर और कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियों को अपनाने से उनके परिचालन में बदलाव आएगा, वहीं नियोक्ताओं का यह भी मानना है कि क्वांटम और एन्क्रिप्शन प्रौद्योगिकियों को अपनाने से उनके परिचालन में भी बदलाव आएगा। रिपोर्ट में कहा गया है, विश्व स्तर पर एआई कौशल की मांग में तेजी आई है, ऐसी मांग के मद्देनजर भारत और अमेरिका अग्रणी हैं। ऐसे में भारत में सबसे तेजी से बढ़ती जिन नौकरियों की भूमिकाएं होंगी, उनमें बड़े डाटा विशेषज्ञ, एआई और मशीन लर्निंग विशेषज्ञ और सुरक्षा प्रबंधन विशेषज्ञ शामिल हैं। ये सभी नौकरियां वैश्विक रुझानों के साथ निकटता से जुड़ी हुई हैं।
भारत दुनिया की कौशल राजधानी बन रहा है और जरूरतों को देखते हुए अपने युवाओं का कौशल विकास कर रहा है। सेवा निर्यात के तहत कंप्यूटर नेटवर्क का इस्तेमाल कर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग, बैंकिंग, फाइनेंस, इंश्योरेंस, पर्यटन, आतिथ्य, शिक्षा, मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन, गेमिंग, मनोरंजन, एआई आदि से संबंधित सेवाओं का निर्यात शामिल है। इसके तहत कंप्यूटर दक्ष विशेषज्ञ, कुशल प्रोग्रामर और कोडिंग विशेषज्ञ द्वारा दी जाने वाली सेवाएं शामिल हैं। इन सभी क्षेत्रों में भारत के हाई-स्किल्ड युवा विकसित देशों के उच्च वेतन की तुलना में किफायती दरों पर सेवाओं का निर्यात कर पाने में सक्षम हैं। साथ ही हाई-स्किल्ड नौकरियां लो-स्किल्ड नौकरियों की तुलना में बहुत अधिक आर्थिक लाभ देती हैं और देश के विदेशी-विनिमय में भी योगदान देती हैं। वाणिज्य मंत्रालय के द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में अप्रैल से सितंबर 2024 के बीच भारत का सेवा निर्यात करीब 180 अरब डॉलर का रहा है। उम्मीद है कि यह इस वर्ष के अंत तक 400 अरब डॉलर की रिकॉर्ड नई ऊंचाई पर पहुंच जाएगा। पिछले पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान सेवा निर्यात 340 अरब डॉलर रहा था। अब भारत दुनिया में सातवां सबसे बड़ा सेवा निर्यातक देश बन गया है, जबकि वर्ष 2001 में सेवा निर्यात के मामले में भारत 24वें स्थान पर था।
हाल ही में नैसकॉम और जिनोव की ओर से जारी इंडिया ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी), डस्केप रिपोर्ट के मुताबिक, जीसीसी के लिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा हब बनते हुए दिखाई दे रहा है। फिलहाल देश में 1,700 जीसीसी हैं, जिनसे 20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है। देश में जीसीसी का बाजार आकार 5.4 लाख करोड़ रुपये का है और यह 2030 तक 8.4 लाख करोड़ रुपये का होगा। दुनिया के 50 प्रतिशत जीसीसी सिर्फ भारत में हैं। निश्चित रूप से देश की हाई-स्किल्ड नई पीढ़ी देश के आर्थिक विकास का मजबूत आधार बन रही है। लेकिन अभी हमें हाई-स्किल्ड सेवाओं की और अधिक अपार संभावनाओं को मुठ्ठी में लेने के लिए नई रणनीति के साथ आगे बढ़ना होगा।
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें: प्रयागराज महाकुंभ 2025: भव्य, दिव्य और विहंगम् महोत्सव के धार्मिक और सांस्कृतिक रंग
1 thought on “आर्थिकी: दुनिया की कौशल राजधानी बनने की राह पर भारत… अगले पांच साल में 17 करोड़ नई नौकरियों के अवसर”