भारत में सोने के दाम पर प्रभाव डालने वाले कारण
सोने की भारत सहित दुनिया भर में इनवेस्टमेंट के लिए काफी डिमांड है। अन्य फाइनेंशियल एसेट्स की तरह, सोने के दाम में भी बदलाव होता है। इसका मार्केट प्राइस तय करने में सबसे बड़ा कारण डिमांड है। हालांकि, बहुत से अन्य कारणों से भी प्राइस पर प्रभाव पड़ सकता है। इन कारणों के बारे में यहां जानकारी दी जा रही है।
1. डिमांड
किसी अन्य कमोडिटी की तरह, डिमांड और सप्लाई का सोने के दाम पर बड़ा प्रभाव होता है। कम सप्लाई और अधिक डिमांड होने पर प्राइस में बढ़ोतरी होती है। इसी तरह सोने की अधिक सप्लाई और स्थिर या कमजोर डिमांड से प्राइस गिर सकता है। आमतौर पर, भारत में सोने की डिमांड त्योहार और विवाह के सीजंस में बढ़ जाती है।
2. इन्फ्लेशन
इन्फ्लेशन अधिक होने पर करेंसी की वैल्यू घट जाती है ऐसी स्थिति में, लोग धन को सोने में रखना पसंद कर सकते हैं। इससे सोने के दाम में बढ़ोतरी होती है। सोना एक प्रकार से इनफ्लेशन के खिलाफ हेज का काम करता है।
3. इंटरेस्ट रेट्स
सोने और इंटरेस्ट रेट्स का विपरीत जुड़ाव होता है। इंटरेस्ट रेट्स के बढ़ने पर लोग अधिक इंटरेस्ट हासिल करने के लिए सोने को बेचना पसंद करते हैं। इसी तरह, इंटरेस्ट रेट्स गिरने पर अधिक सोना खरीदा जा सकता है, जिससे डिमांड बढ़ती है। प्राइस गिर सकता है। आमतौर पर, भारत में सोने की डिमांड त्योहार और विवाह के सीजंस में बढ़ जाती है।
4. मॉनसून
भारत में सोने की डिमांड का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से आता है। यह डिमांड आमतौर पर अच्छे मॉनसून और बंपर फसल से मिलने वाले फायदे के बाद बढ़ जाती है।
5. सरकारी रिजर्व
बहुत सी सरकारों के पास फाइनेंशियल रिजर्व होते हैं जिनमें सोने की बड़ी हिस्सेदारी रखी जाती है। भारत में भी ऐसी ही स्थिति है। हालांकि, अगर यह रिजर्व सरकार की ओर से बेचे गए सोने की तुलना में बढ़ जाता है तो सोने के दाम में कम सप्लाई के कारण बढ़ोतरी होती है। भारत में इस रिजर्व को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बरकरार रखता है।
6. करेंसी में उतार-चढ़ाव्व
इंटरनेशनल मार्केट में सोने का ट्रेड डॉलर में होता है। इम्पोर्ट के दौरान, डॉलर को भारतीय रुपये में कन्वर्ट किया जाता है। इससे सोने के दाम में बदलाव होता है। आमतौर पर, अगर भारतीय रुपया कमजोर होता है तो सोने का आयात महंगा हो जाता है।
7. अन्य एसेट्स के साथ जुड़ाव
सोने का सभी प्रमुख एसेट्स के साथ कम या नकारात्मक जुड़ाव होता है। इस वजह से पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइ करने के लिए इसे बेहतर माना जाता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने से पोर्टफोलियो को वोलैटिलिटी से सुरक्षा मिलती है क्योंकि अन्य एसेट्स पर प्रभाव डालने वाले कारणों का सोने के दाम पर अधिक प्रभाव नही होता।
8. भू-राजनीतिक कारण
युद्ध जैसे भू-राजनीतिक कारणों से सोने की डिमांड बढ़ जाती है क्योंकि इसे फंड रखने के लिए सुरक्षित माना जाता है। ऐसी स्थिति होने पर अधिकतर एसेट्स के प्राइसेज पर नकारात्मक प्रभाव बोता है। हालांकि, सोने के दाम के लिए यह स्थिति सकारात्मक होती है।
9. ऑक्ट्रॉय चार्ज और एंट्री टैक्स
ऑक्ट्रॉय चार्ज और एंट्री टैक्स राज्यों में टैक्स अथॉरिटीज अपने अधिकार क्षेत्र में गुड्स के आने पर लगाती हैं। ऑक्ट्रॉय एक शहर में गुड्स के पहुंचने पर लगता है, जबकि एंट्री टैक्स एक राज्य में गुड्स के पहुंचने पर लगाया जाता है। इसके अलावा अगर सोने की वैल्यू 30 लाख रुपये से अधिक है तो वेल्थ टैक्स लगाया जाता है।।
10. मेकिंग चार्ज
मेकिंग चार्ज आमतौर पर सोने की ज्वैलरी पर लगता है और यह डिजाइन और शहर के साथ ही प्रत्येक ज्वैलर के लिए अलग हो सकता है।
भारत में प्रतिदिन सोने के भाव (15 दिन)
तिथि | 24 कैरेट | 22 कैरेट | % चेंज |
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5 दिसंबर 2024
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₹ 76,450 | ₹ 70,030 | +0.07% |
4 दिसंबर 2024
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₹ 76,390 | ₹ 69,980 | +0.10% |
3 दिसंबर 2024
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₹ 76,320 | ₹ 69,910 | +0.01% |
2 दिसंबर 2024
|
₹ 76,310 | ₹ 69,900 | -0.55% |
1 दिसंबर 2024
|
₹ 76,740 | ₹ 70,290 | 0% |
30 नवंबर 2024
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₹ 76,740 | ₹ 70,290 | 0% |
29 नवंबर 2024
|
₹ 76,740 | ₹ 70,290 | +0.59% |
28 नवंबर 2024
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₹ 76,290 | ₹ 69,880 | +0.14% |
27 नवंबर 2024
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₹ 76,180 | ₹ 69,780 | +0.65% |
26 नवंबर 2024
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₹ 75,690 | ₹ 69,330 | -1.81% |
25 नवंबर 2024
|
₹ 77,080 | ₹ 70,610 | -0.90% |
24 नवंबर 2024
|
₹ 77,790 | ₹ 71,250 | 0% |
23 नवंबर 2024
|
₹ 77,790 | ₹ 71,250 | 0% |
22 नवंबर 2024
|
₹ 77,790 | ₹ 71,250 | +1.11% |
21 नवंबर 2024
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₹ 76,930 | ₹ 70,470 | 0% |
भारत के बड़े शहरों में आज सोने के रेट
शहर | 24 कैरेट सोने के दाम (10 ग्राम) |
22 कैरेट सोने के दाम (10 ग्राम) |
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₹ 77,670 | ₹ 71,200 | |
₹ 77,770 | ₹ 71,300 | |
₹ 77,670 | ₹ 71,200 | |
₹ 77,670 | ₹ 71,200 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 | |
₹ 77,770 | ₹ 71,300 | |
₹ 77,770 | ₹ 71,300 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 | |
₹ 77,770 | ₹ 71,300 | |
₹ 77,770 | ₹ 71,300 | |
₹ 77,770 | ₹ 71,300 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 | |
₹ 77,770 | ₹ 71,300 | |
₹ 77,770 | ₹ 71,300 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 | |
₹ 77,770 | ₹ 71,300 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 | |
₹ 77,770 | ₹ 71,300 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 | |
₹ 77,650 | ₹ 71,180 | |
₹ 77,670 | ₹ 71,200 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 | |
₹ 77,670 | ₹ 71,200 | |
₹ 77,670 | ₹ 71,200 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 | |
₹ 77,620 | ₹ 71,150 |
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सोने के दाम के बारे में जानें
24 कैरेट सोना
24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध माना जाता है। शुद्ध सोना या 24 कैरेट सोना 99.9 प्रतिशत शुद्धता का संकेत है और इसमें किसी अन्य मेटल को नहीं मिलाया जाता। 24 कैरेट सोने का इस्तेमाल सोने के सिक्के और बार को बनाने में किया जाता है। सोने के लिए अन्य विभिन्न शुद्धताएँ भी होती हैं और इन्हें 24 कैरेट की तुलना में मापा जाता है।
22 कैरेट सोना
22 कैरेट सोना ज्वैलरी मेकिंग के लिए बेहतर होता है। यह 22 पार्ट्स सोने और दो पार्ट्स सिल्वर, निकेल या कोई अन्य मेटल होता है। अन्य मेटल्स की मिक्सिंग से सोना अधिक कड़ा होता है और ज्वैलरी के लिए उपयुक्त रहता है। 22 कैरेट सोना 91.67 प्रतिशत शुद्धता का संकेत है।
24 कैरेट सोना | 22 कैरेट सोना |
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24 कैरेट सोना का सबसे शुद्ध सोना होता है और इसमें 99.5 प्रतिशत प्रेशियस मेटल रहता है। | 22 कैरेट सोने में शुद्ध सोने का 91.6 प्रतिशत पार्ट और बाकी सिल्वर, कॉपर या अन्य मेटल होता है। |
24 कैरेट सोना काफी नर्म, लचीला और मोड़ा जा सकने वाला होता है। | 22 कैरेट सोना सख्त होता है और इसे आसानी से मोल्ड नहीं किया जा सकता। |
24 कैरेट सोने का इस्तेमाल कंप्यूटर्स, मोबाइल हैंडसेट सहित मेडिकल और इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट में अधिक होता है। | 22 कैरेट सोने का दाम सोने का कम प्रतिशत होने के कारण कुछ सस्ता होता है। |
24 कैरेट सोना सबसे महंगा सोने का प्रकार होता है। | 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल ज्वैलरी, बार, बुलियन और कॉइन बनाने में किया जाता है। |
24 कैरेट सोने का रंग ब्राइट येलो होता है। | 22 कैरेट सोने का रंग कुछ फीका होता है क्योंकि इसमें अन्य मेटल्स मिलाए जाते हैं। |